बदायूँ , 13 दिसम्बर : अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) ने जानकारी देते हुए बताया कि शीतलहरी से बचाव हेतु क्या करें क्या न करें। उन्होंने बताया कि स्थानीय रेडियो से मौसम की जानकारी लेते रहें। फावडे, कुदालें, जलावन की लकड़ियां और पर्याप्त गर्म कपड़ों के साथ आपात कालीन किट तैयार रखें।
घर के अन्दर सुरक्षित रहें। शीतलहरी के लक्षणों को पहचानें जैसे हाथों व पैरों की उंगलियों, कानों तथा नाक आदि पर सफेद या दाग उभर आना। शीतलहर की स्थिति में शीघ्र अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जायें। कोयले की अंगीठी/मिट्टी के तेल का चूल्हा / हीटर का प्रयोग करते समय सावधान रहें व कमरे को हवादार रखें, ताकि जहरीलें धुएं से नुकसान न हों। विषम परिस्थितियों अथवा अत्यधिक सर्दियों के लिए ईधन बचाकर रखें। शरीर को सूखा रखें। गीले कपड़े तुरन्त बदल लें, ये आपके शरीर को नुकसान पहुँचा सकतें है। अपने परिवार को यथा सम्भव घर के अन्दर सुरक्षित रखें। घर में अलाव के साधन न हों तो अत्यधिक ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों/स्थलों पर जायें, जहाँ प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबन्ध किया गया हो। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े आपको शीतलहरी और हाइपोथर्मिया से बचा सकते हैं।
- नैमिष बुलेटिन