*श्रीमती कालिंदी पाल ने परिवार में फूलो के व्यापार के पूर्व विधिवत की पूजा – प्रार्थना
संत कबीर नगर / बस्ती : संत कबीर नगर जनपद पौली विकास खंड के कोहलवा ग्राम के मूल निवासी और बस्ती शहर में निवास कर रहे अखिलेश पाल ने रामपुर गांव में कुछ समय पूर्व व्यवसायिक दृष्टि से गेंदा के फूलों की खेती की शुरुआत किया।
आज पहली बार उनके खेत से फूल तोड़े गए। उन्होंने इन फूलों से तैयार माला को सर्वप्रथम अपनी भाभी श्रीमती कालिंदी पाल के हाथों से अपने पैतृक गांव कोहलवा में स्थित मंदिर में प्रतिष्ठित अपनी कुल देवी काली माता जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करवाया।
इसके बाद उन्होंने अपने परिजनों के साथ पूजा और अन्य धार्मिक संस्कार किया। देवी काली जी का यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और मंदिर परिसर में देवी दुर्गा , हनुमान जी आदि देवी –देवताओं के अतिरिक्त हाथी की भी प्रतिमा प्रतिष्ठित हैं।
अखिलेश पाल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी. काम की पढ़ाई किया हैं। इसके बाद कुछ समय तक उन्होंने नौकरी किया , फर्रुखाबाद में रहकर शिक्षण संस्थान का संचालन किया। अब उन्होंने शहर में कोई व्यवसाय करने के बजाय कृषि पर आधारित व्यापार के लिए गांव की ओर रुख किया हैं।
उन्होंने एक विशेष बातचीत में बताया कि शहर में व्यवसाय के साथ – साथ गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्होंने इस इलाके में फूलों की खेती की शुरुआत किया है। उन्होंने यह भी बताया कि आमतौर 60– 70 दिन में पौधे में गेंदा के पौधे में फूल आ जाता है। पौधे की वैरायटी के बारे में उन्होंने बताया कि ये गनेलिया और बीजू कलकतिया है। इसका बीज वाराणसी से लाया गया है।
पूर्व में बस्ती और वर्तमान में संत कबीर जिले के इस इलाके में सूर्यवंशी क्षत्रिय परिवार में जन्में अखिलेश पाल के बाबा श्रद्धेय तेज बहादुर पाल उर्फ ‘ दादा भाई ’ की गिनती एक सम्मानित और रसूखदार व्यक्ति के रुप में होती थी।उनके पिता स्वर्गीय आर. के. पाल ने पहले खेती किया इसके बाद 60 और 70 के दशक में उन्होंने बस्ती शहर में ट्रांसपोर्ट का बड़ा व्यवसाय खड़ा किया जो 90 के दशक तक खूब फला – फूला। अब देखना यह है कि अखिलेश पाल द्वारा शुरू की गई फूलों की खेती और व्यापार को कितनी सफलता मिलती है ?
*** नैमिष प्रताप सिंह