शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय के आवास पर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

  • मुख्यमंत्री धामी ने शोकाकुल परिजनों को बंधाया ढांढस

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सैन्यभूमि के वीर सपूत शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इसके पूर्व शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी उनके जैंतनवाला स्थित आवास पर पहुंचकर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया था और शहीद के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दिया था। उन्होंने शहीद के परिवारजनों को राज्य सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने बताया कि परिजनों से जो भी स्कूल या मार्ग का नाम शहीद के नाम पर रखने का सुझाव मिलेगा, सरकार उस दिशा में कार्य करेगी। इस दौरान शहीद की मां चित्रलेखा राय, पत्नी अक्षिता राय, मंडल अध्यक्ष ज्योति कोटिया, वंदना बि ओनष्ट, आशीष शर्मा, अंकुश अग्रवाल, कैप्टन परमवीर, योगेन्द्र चौहान, उज्ज्वल, नैन सिंह पंवार, जलील, ग्राम प्रधान सागर सिंह आदि उपस्थित रहे। शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय के पिता अमिताभ राय भी वायु सेना में ग्रुप कैप्टन से रिटायर्ड हैं।

कौन है स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय

बताते चले कि स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय गत चार दिसंबर को भारतीय सेना के एक प्रशिक्षु पायलट को प्रशिक्षण देते समय एक हवाई दुर्घटना में शहीद हो गए थे। स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय 4 दिसंबर को तेलंगाना के तूप्रान में उस समय दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, जब वो पायलटों को प्रशिक्षण देने वाले विमान में उड़ान भर रहे थे. अभिमन्यु ने अपनी जान पर खेल कर विमान को गांव में गिरने से बचाया था. अब अभिमन्यु का अंतिम संस्कार करने के बाद परिवार देहरादून लौट आया है.
4 दिसंबर को हुए प्लेन क्रैश में शहीद हुए भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय देहरादून के जैंतनवाला में पिछले 35 साल से रह रहे थे. उनके परिवार में पिता और पत्नी भी सेना का हिस्सा हैं. 4 दिसंबर को अभिमन्यु प्रशिक्षण देने वाले पिलाटस पीसी 7 एमके II विमान को उड़ा रहे थे तभी कुछ तकनीकी खराबी की वजह से विमान ने काम करना बंद कर दिया.

स्वयं की जान गंवाकर कई लोगों की बचा गए:

विमान रिहायशी इलाके के ठीक ऊपर था, लेकिन उन्होंने और उनके साथ बैठे सहयोगी पायलट ने विमान को ऐसी जगह पर ले जाकर उतारने की कोशिश की, जहां आबादी नहीं थी. इस कोशिश में दोनों पायलट तो शहीद हो गए, लेकिन कई लोगों की जिंदगी वो बचा गए. उनका विमान तेलंगाना के मेडक जिले के तूप्रान नगर पालिका क्षेत्र के रवेली उपनगर में हादसे का शिकार हुआ था. अभिमन्यु के पिता ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि उनके बेटे ने बड़ी जांबाज तरीके से कई लोगों की जान बचाई है. बेटे ने अंतिम समय तक हालात पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन वो जमीन से इतना नजदीक आ चुके थे कि उन्हें इजेक्ट करने का मौका तक नहीं मिला. फिलहाल, इस मामले की जांच बैठा दी गई है.

विमान उड़ाने में माहिर थे अभिमन्यु

हैदराबाद के तूप्रान में विमान हादसे में मारे गए दोनो पायलट प्लेन उड़ाने में माहिर थे। अभिमन्यु राय विमान चलाने में कितने माहिर और सीनियर थे, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो उन 9 पायलट में से एक थे, जो वीवीआईपी के प्लेन उड़ाते थे. साल 2022 में जब पीएम नरेंद्र मोदी देहरादून आए थे, तब वो उनके साथ ही थे. इतना ही नहीं उप राष्ट्रपति और अन्य बड़े नेताओं के साथ भी वो ड्यूटी दे चुके है.

बिलख रही मां, दोस्त भी हैं मायूस

पिलाटस पीसी 7 एमके II विमान हादसे में मारे गए पायलट अभिमन्यु की मां बिलख रही है तो वहीं दोस्त भी मायूस है। देहरादून पहुंचे उनके पिता और माता दोनों टूट चुके हैं. बीते 11 दिनों से उनकी मां चित्रलेखा का रो-रो कर बुरा हाल है. उनकी मां नैनीताल की ही रहने वाली हैं. जबकि पिता मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. अभिमन्यु की पत्नी अक्षिता राय भी हैदराबाद में फ्लाइट लेफ्टिनेंट हैं.अभिमन्यु के शहीद होने की खबर देहरादून में लगते ही उनके घर में आने जाने वालों का तांता लग गया था। घटना की जानकारी मिलते ही कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी उनके घर पहुंचे थे. अभिमन्यु जब-जब छुट्टी पर अपने घर आते थे तो वो आस – पास के लोगों से बेहद सादगी और अच्छे तरीके से मिलते थे. उनको याद कर आज भी उनके दोस्त और परिवार के लोग बेहद सदमे में हैं. जो भी इस हादसे को सुन रहा है , वह दु:खी हो जाता है लेकिन प्रकृति का लिखा कौन मीता सकता है। इंसान के पास दुःख व्यक्त करने और परिजनों को सांत्वना देने के अलावा और क्या है ?

*** नैमिष प्रताप सिंह

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