अयोध्यावासी 22 जनवरी के लिए अभी से करें तैयारी : योगी आदित्यनाथ

अयोध्या : अयोध्या भगवान श्रीराम की प्रिय नगरी है और इसे दुनिया की सबसे सुंदर नगरी के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन की सरकार संकल्पबद्ध है। आज अयोध्या में जितने पर्यटक आ रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा पर्यटक आगामी मकर संक्रांति और 22 जनवरी 2024 को भव्य राममंदिर के उद्घाटन के बाद यहां आने लगेंगे। इसलिए अयोध्यावासी अभी से अतिथि देवो भव: के संकल्प के साथ जुड़ जाएं। अयोध्यावासी उस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें। ये बातें शनिवार को दीपोत्सव के अवसर पर रामकथा पार्क में प्रभु श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण जी के वंदन अभिनंदन एवं प्रतीकात्मक राज्याभिषेक कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।

अयोध्या में ऐतिहासिक होना चाहिए पीएम मोदी का स्वागत
अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब दीपोत्सव का कार्यक्रम यहां प्रारंभ हुआ था तक अयोध्यावासियों में उत्साह के साथ तमन्ना भी दिखती थी। एक नारा गूंजता था कि ”योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो…”। आज 500 वर्षों के बलिदानों, आंदोलनों, अभियानों के उपरांत प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। अब अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी बनती है कि जब 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान श्रीराम को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने के लिए आएं, तब अयोध्या में उनका स्वागत भी ऐतिहासिक होना चाहिए।

हम सब नई अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं
मुख्यमंत्री ने दीपावली की सभी को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हम यहां दीपोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। यह दीपोत्सव दुनिया के 100 से अधिक देशों में लाइव हो रहा है। दुनिया देख रही है कि कैसे भगवान श्रीराम हजारों साल पहले पुष्पक विमान से अयोध्या आए होंगे और कैसे देवताओं ने आकाश से पुष्पवर्षा की होगी। हमने सात साल पहले इस कार्यक्रम को जब शुरू किया तो असमंजस की स्थिति थी। उस वक्त पूज्य संतों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यहां जिस कार्यक्रम को शुरू किया गया, वो आज प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहा है। हम सब नई अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं। अयोध्या में इस वक्त 30 हजार 500 करोड़ से विकास की 178 परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। अगर निजी क्षेत्र की भी भागीदारी जोड़ लें तो आने वाले वक्त में यहां 50 हजार करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेती दिखेंगी। इससे लाखों की संख्या में रोजगार का सृजन होगा।

रामराज्य की परिकल्पना को साकार कर रहे प्रधानमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम के रामराज्य की परिकल्पना को प्रधानमंत्री ने बीते साढ़े 9 साल में पुष्ट किया है। चाहे दैविक आपदा रही हो, आतंकवाद की समस्या हो या अन्य समस्याओं और भय को खत्म करते हुए गरीबों के कल्याण के लिए कार्य किया गया है। गरीबों को आवास, शौचालय, बिजली कनेक्शन, उनके इलाज के लिए 5 लाख का बीमा की मुफ्त व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं कोरोना काल से अबतक फ्री टेस्ट, फ्री उपचार, फ्री वैक्सीन और फ्री खाद्यान उपलब्ध कराने का कार्य हो रहा है।

भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के वाहक हैं श्रीराम : राज्यपाल

इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह दिव्य दीपोत्सव भगवान राम की अयोध्या को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठापित कर रहा है। भगवान श्रीराम और रामायण भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के वाहक हैं। हर घर में रामायण होती है। भारत सहित विश्व के अतीत में किसी ना किसी रूप में प्रभु श्रीराम रचे बसे हुए हैं। भगवान श्रीराम आदिवासियों और वनवासियों के भी पूज्यनीय हैं। यहां अयोध्या में मंदिर निर्माण के फलस्वरूप यहां रोजगार और आर्थिक रूप से बड़ा बदलाव आएगा।

इस अवसर पर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जयवीर सिंह, राकेश सचान, अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह के अलावा विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, साधु-संत एवं विभिन्न मठों के महंतगण, भाजपा, विहिप एवं विभिन्न सांस्कृतिक – सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण व प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

*** नैमिष प्रताप सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *