- 2024 में अपने साथ सुख और समृद्धि भी लेकर आ रहे श्रीराम
- भव्य राम मंदिर के साथ ही 2024 में अयोध्या में पूरे होंगे कई बड़े प्रोजेक्ट्स
- 30 हजार करोड़ से ज्यादा की 178 परियोजनाओं में से ज्यादातर 2024 में होंगी पूरी
- 6 हजार करोड़ की निवेश परियोजनाएं भी धरातल पर उतरने को हैं तैयार
- होटल, रेस्त्रा, टूर एंड ट्रैवल सेक्टर में सृजित होंगे सबसे ज्यादा रोजगार
लखनऊ : दुनियाभर के सनातनियों को 22 जनवरी 2024 का बेसब्री से इंतजार है। जन-जन के आराध्य भगवान श्रीराम 500 साल की प्रतीक्षा, परीक्षा और अगणित बलिदानों के पश्चात अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। इसके साथ ही त्रैल्योक्य न्यारी अयोध्या नगरी सुख-समृद्धि से भी परिपूर्ण होने जा रही है। मोदी-योगी सरकार की ओर से अयोध्या में चल रही 30.5 हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं में से अधिकांश 2024 में पूरी हो जाएंगी। वहीं 6 हजार करोड़ से अधिक के निवेश भी अयोध्या में धरातल पर उतरने को बिल्कुल तैयार हैं। इनमें ज्यादातर हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवेल-टूरिज्म और हायर एजुकेशन से जुड़ी परियोजनाएं हैं। इन सभी परियोजनाओं के धरातल पर उतरने के साथ ही 20-30 हजार नये रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
ये बड़ी परियोजनाएं भी ले रहीं मूर्त रूप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या में श्रीराममंदिर के उद्घाटन समारोह को ‘भूतो न भविष्यति’ बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। 2024 में जब एक तरफ भगवान श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो ये पुण्य वर्ष अयोध्या में कई बड़े निर्माण और बदलावों का भी साल साबित होने जा रहा है। विकास कार्यों की एक लंबी श्रृंखला है, जिसमें सबसे पहला नाम अयोध्या में बनकर तैयार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का है। यहां से जनवरी 2024 में उड़ान शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही जनवरी में ही 50 हजार फुट प्रिंट वाले अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का नया भव्य भवन भी बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा मार्च तक सोलर सिटी भी पूरी तरह आकार ले लेगी।
जनवरी : 394 करोड़ से 4 लेन अयोध्या अकबरपुर बसखारी मार्ग, एनएच 27 से रामपथ तक रेलवे समपार, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज, दर्शन नगर के पास रेलवे ओवर ब्रिज, अमानीगंज में मल्टी लेवल पार्किंग, कलेक्ट्रेट के पास स्मार्ट वाहन पार्किंग, पंचकोसी और चौदहकोसी मार्ग पर इंटरप्रिटेशन वॉल का निर्माण, परिक्रमा मार्ग पर 25 से ज्यादा पयर्टन स्थलों और कुंडों का विकास, डेकोरेटिव पोल और हेरिटेज लाइटों की स्थापना का कार्य, कौशल्या सदन का निर्माण, मुक्ति वैकुंठ धाम के विकास का कार्य पूरा हो जाएगा।
फरवरी से दिसंबर 2024 तक :
*फरवरी में : अयोध्या के 7 वार्डों में 24 घंटे जलापूर्ति, सूर्यकुंड के पास आरओबी, 4 लेन धर्म पथ का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
*मार्च में : अयोध्या अकबरपुर मार्ग पर फतेहगंज आरओबी, अयोध्या बिल्हौरघाट 4 लेन सड़क, गुप्तार घाट का सौंदर्यीकरण, नया घाट से लक्ष्मण घाट तक पर्यटन सुविधाओं का विकास, अयोध्या सोलर सिटी का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
*अप्रैल में : अवध बस स्टैंड के पास आश्रय गृह का निर्माण, नाका बाइपास के पास कल्याण भवन का निर्माण, चार ऐतिहासिक प्रवेश द्वारों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
*जून में : अयोध्या सीवरेज योजना का पार्ट वन पूरा कर लिया जाएगा।
*जुलाई में : 473 करोड़ से पंचकोसी परिक्रमा मार्ग चौड़ीकरण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
*सितंबर में : डॉ भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर को पूरा कर लिया जाएगा।
*अक्टूबर में : 1140 करोड़ से चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग का विस्तारीकरण पूरा कर लिया जाएगा।
*नवंबर-दिसंबर तक : अयोध्या में जोनल अर्बन फैसिलिटेशन सेंटर का निर्माण, अयोध्या नगर निगम और अयोध्या विकास प्राधिकरण के विशाल भवनों का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।
विश्वनाथ धाम ने बदली काशी की तस्वीर, अयोध्या मंदिर लेकर आएगा समृद्धि
भगवान श्रीराम का नव्य-भव्य धाम नि:संदेह अयोध्या वासियों की सुख-समृद्धि का भी कारक बनेगा। इसका अंदाजा दो वर्ष पहले वाराणसी में उद्घाटित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सफलता से लगाया जा सकता है। दो साल में ही काशी विश्वनाथ धाम में 13 करोड़ से अधिक दर्शनार्थियों ने मत्था टेका है। इस दौरान मंदिर में 100 करोड़ से अधिक का चढ़ावा भी आस्थावान हिन्दुओं ने चढ़ाया है। इसके अलावा वाराणसी में पर्यटन उद्योग भी 200 गुना से अधिक बढ़ा है। इसमें रेहड़ी-पटरी, नौका संचालक, हस्तशिल्पी, साड़ी कारोबारी के साथ ही अन्य छोटे व्यवसाइयों से लेकर बड़े होटल समूह और टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं।
जानकारों का प्रबल विश्वास है कि सदियों से उपेक्षित रही अयोध्या नगरी मोदी-योगीराज में भव्य मंदिर के उद्घाटन के साथ ही काशी की तरह ही पर्यटन मानचित्र पर ध्रुव तारे की तरह चमकेगी।
- नैमिष प्रताप सिंह