• उ.प्र. रेरा ने भू-सम्पदा परियोजनाओं में तीन बैंक खाते अनिवार्य किया
• परियोजना के सेपरेट एकाउण्ट पर किसी भी तरह लिन प्रतिबन्धित
• सेपरेट एकाउण्ट से धनराशि का उपयोग निर्माण तथा विकास कार्यों पर ही अनुमन्य
लखनऊ/गौतमबुद्धनगर: उ.प्र. रेरा ने पूर्व में जारी रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स बैंक एकाउण्ट्स दिशा निर्देशों में संशोधन करते हुए संशोधित दिशा निर्देश जारी किए है। इन संशोधित निर्देशों के माध्यम से उपभोक्ताओं के हितों का प्रभावी संरक्षण हो सकेगा तथा परियोजनाएं समय से पूरी हो सकेंगी। उ.प्र. रेरा ने परियोजना के सेपरेट एकाउण्ट पर किसी भी तरह लिन प्रतिबन्धित कर किया दिया है और इस एकाउण्ट से एश्योर्ड रिटर्न, ब्याज और अर्थदण्ड का भुगतान करने पर भी रोक लगा दी है। अब हर परियोजना में आवंटियों से भुगतान प्राप्त करने के लिए एक ’कलेक्शन एकाउण्ट’ होगा। प्रोमोटर द्वारा परियोजना के विज्ञापनों, आवंटन पत्रों, आवंटियों के साथ अनुबन्धों तथा आवंटियों के साथ पत्राचार में इस एकाउण्ट को अनिवार्य रूप से अंकित किया जाएगा।
- प्रोमोटर द्वारा सम्बन्धित बैंक को इस आशय के स्टैंडिंग निर्देश दिए जाएंगे कि ’कलेक्शन एकाउण्ट’ में आवंटियों द्वारा समय-समय पर जमा की गयी धनराशि का कम से कम 70 प्रतिशत धनराशि ऑटो स्वीप द्वारा परियोजना के ’सेपरेट एकाउण्ट’ और अधिकतम 30 प्रतिशत धनराशि परियोजना के ’ट्रान्जैक्शन एकाउण्ट’ में अंतरित कर दी जाएगी।* आवंटियों तथा प्रोमोटर्स की जानकारी के लिए इन डायरेक्शन्स के कुछ महत्वपूर्ण भाग आगे दिए जा रहे हैं;
*प्रोमोटर द्वारा परियोजना के पंजीकरण आवेदन के साथ परियोजना के कलेक्शन एकाउण्ट, सेपरेट एकाउण्ट तथा ट्रान्जैक्शन एकाउण्ट के विवरण रेरा में प्रस्तुत किए जाएंगे।
*इन एकाउण्ट्स के एकाउण्ट होल्डर्स के रूप में प्रोमोटर तथा परियोजना दोनों के नाम होंगे। इनका संचालन कम्पनी के बोर्ड रिजल्यूशन द्वारा प्राधिकृत डायरेक्टर या पार्टनर ही कर सकेगा।
*परियोजना के निर्माण के लिए बैंक तथा वित्तीय संस्थाआंे से लिए गए सेक्योर्ड तथा अन्सेक्योर्ड कर्ज की सम्पूर्ण धनराशि ’सेपरेट एकाउण्ट’ में जमा करना अनिवार्य है।
*सेपरेट एकाउण्ट की धनराशि परियोजना की भूमि, परियोजना के निर्माण तथा विकास कार्यों के लिए ही व्यय की जा सकेगी। प्रोमोटर इस खाते से परियोजना के निर्माण हेतु लिए गए बैंक ऋण पर सामान्य ब्याज का भुगतान कर सकेगा, परन्तु पिनल या कम्पाउण्ड इन्टरेस्ट या आवंटियों को ब्याज या मुआवजे का भुगतान नहीं कर सकेगा।
*बैंक द्वारा सेपरेट एकाउण्ट से विड्राल की अनुमति तीन प्रमाण-पत्रों, क्रमशः चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट, इंजीनियर तथा आर्किटेक्ट के प्रमाण-पत्र ही अनुमन्य किया जाएगा, परन्तु अनुमन्य विड्राल परियोजना में हो चुके निर्माण कार्यों की कुल लागत से अधिक नहीं होगा।
*सेपरेट एकाउण्ट से विड्राल हेतु चेक, डेबिट कार्ड, क्रडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या डिमाण्ड ड्राफ्ट तथा बैंक गारण्टी जैसे माध्यम वर्जित हैं।
इस अवसर पर संजय भूसरेड्डी अध्यक्ष उ.प्र. रेरा द्वारा कहा गया कि “प्रोमोटर द्वारा उ.प्र. रेरा के वेब पोर्टल पर परियोजना के तीनों खातों की उदघोषण तथा इन खातों का नियमों के अनुसार संचालन, विशेष रूप से परियोजना के सेपरेट एकाउण्ट में धनराशि जमा करने तथा खर्च करने सम्बन्धित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन, परियोजनाओं को समय से पूर्ण करने में सहायक होगा और रेरा इन एकाउण्ट्स के आपरेशन तथा मैनेजमेन्ट की कड़ी निगरानी द्वारा यह सुनिश्चित करेगा कि प्रोमोटर द्वारा अपने वित्तीय मामलों में पूरी पारदर्शिता रखी जाए और प्रोमोटर की जवाब देही सुनिश्चित की जा सके। बैंक एकाउण्ट्स से सम्बन्धित निर्देशों की अवहेलना की दशा में सम्बन्धित प्रोमोटर्स पर भारी दण्ड आरोपित किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि *धारा-8 के अन्तर्गत पुनर्वासित की जा रही परियोजना के लिए उ.प्र. रेरा और भी सख्त नियम अपनाएगा। ऐसी परियोजनाओं के लिए प्रोमोटर को नया सेपरेट एकाउण्ट खोलना होगा और जिसमें आवंटियों से एकत्रित 100 प्रतिशत जमा करनी होगी और उन्हे भविष्य में भुगतान के लिए केवल नए सेपरेट एकाउण्ट के विषय में अवगत कराना होगा।
- नैमिष प्रताप सिंह