*राज्य कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश को कार्य करने का बेहतर गंतव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार
*कर्मचारी संगठनों की मांगों और समस्याओं को सुनने और उसके निस्तारण को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी
*कर्मचारियों की व्यक्तिगत समस्याओं का भी करना होगा निराकरण, नियमित तौर पर समीक्षा को भी बताया आवश्यक
लखनऊ : योगी सरकार उत्तर प्रदेश को रहने और निवेश के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बनाने के साथ-साथ कार्य करने के लिए भी सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश सरकार के अधीन काम करने वाले राज्य कर्मचारियों एवं कर्मचारी संगठनों की समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है। सरकार ने राज्य सरकार के समस्त अधिकारियों को अपने अधीन काम कर रहे कर्मचारियों एवं कर्मचारी संगठनों की मांग एवं समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रत्येक माह कम से कम एक बार बैठक करने के निर्देश दिए हैं। इन बैठकों में अधिकारी न सिर्फ कर्मचारी और कर्मचारी संगठनों की समस्याओं और मांगों को सुनेंगे, बल्कि उनका निस्तारण भी सुनिश्चित करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से पहले भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं और अब नियमित रूप से इस पर कायर्वाही सुनिश्चित करने को कहा गया है।
समस्याओं और मांगों की नियमित समीक्षा और निकारण है आवश्यक
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को इस विषय से अवगत कराते हुए निर्देश दिए गए हैं। जारी आदेश में कहा गया है कि निर्गत सुस्पष्ट निर्देशों के उपरांत भी शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों के समक्ष विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर सेवा संबंधी प्रकरण मांग-पत्र प्राप्त होते रहते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कर्मचारी संगठनों की मांगों पर विभागाध्यक्ष स्तर पर समाधान और अनुश्रवण की प्रभावी कार्यवाही नही हो पा रही है। विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव, कार्मिक विभाग से सेवा संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर संपर्क करते हैं। ऐसे प्रकरण जिनका समाधान विभागाध्यक्ष या प्रशासकीय विभाग के स्तर पर किया जा सकता है, की नियमित समीक्षा कर निराकरण कराया जाना आवश्यक है। इसमें आगे ये भी कहा गया है कि कर्मचारी संगठनों एवं कर्मचारियों की मांगों एवं समस्याओं के संबंध में शासन के समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवगण तथा विभागाध्यक्ष व मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभागों, जनपदों में मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों की समस्याओं और मांगों तथा कार्मिकों की व्यक्तिगत समस्याओं के निस्तारण के लिए माह में कम से कम एक बार बैठक आयोजित उनका निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
*** नैमिष प्रताप सिंह