- सीएम योगी के विजन अनुसार, अर्बन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर्स डेवलपमेंट एजेंसी (यूरीडा) में पीएमयू के गठन की प्रक्रिया शुरू
- यूरीडा द्वारा एजेंसी का होगा निर्धारण जो पीएमयू के तौर पर कार्य करते हुए प्रदेश में शहरी सड़कों के निर्माण व रखरखाव का मार्ग करेगी प्रशस्त
- रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) फॉर्मैट के जरिए यूरीडा ने एजेंसी निर्धारण के लिए मांगे हैं आवेदन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के समेकित विकास के लिए प्रयासरत योगी सरकार प्रदेश की सड़कों के कायाकल्प को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश के स्टेट व नेशनल हाइवे पर मरम्मत व दुरुस्तीकरण के कार्यों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न शहरों को जोड़ने वाले संपर्क मार्गों पर भी मरम्मत का कार्य जारी हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की सीएम योगी की मंशा के अनुरूप एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई थी जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों में गांवों व ब्लॉकों को जिले मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कों को प्रमुखता दी गई थी। ऐसे में, ग्रामीण सड़कों के साथ ही शहरी सड़कों के मरम्मत, रखरखाव व प्रस्तावित निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण करने और उसे सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश के शहरी सड़कों के रखरखाव के लिए गठित अर्बन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर्स डेवलपमेंट एजेंसी (यूरीडा) ने पीएसयू के तौर पर एजेंसी को कार्य आवंटित करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे हैं।
नॉलेज पार्टनर के तौर पर काम करेगी पीएसयू
यूरीडा द्वारा पीएसयू के निर्धारण के लिए मांगे गए आवेदन के अनुसार, कार्यावंटन के बाद चयनित एजेंसी को पीएसयू के तौर पर कार्य करते हुए नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभानी होगी। सीएम ग्रिड्स के अनुसार, पीएसयू को गाइडलाइंस के निर्धारण, नीति निर्माण व क्रियान्व्यन सुनिश्चित करना होगा। मौजूदा दिशानिर्देशों, मानदंडों, वैधानिक अधिसूचना का अध्ययन कर उसे अंतिम रूप देना होगा। उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सभी प्रकार की शहरी सड़कों और चौराहों के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण, कार्यान्वयन, प्रबंधन और रखरखाव में अंतराल को भरने के लिए दिशानिर्देशों का निर्धारण करना होगा। इसके अतिरिक्त, वैकल्पिक निर्माण प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दरों की हरित अनुसूची (ग्रीन एसओआर) का विकास, सड़क चयन के लिए स्कोरिंग तंत्र, अनुमोदन के लिए अनुपालन जांच और स्कोरिंग मैट्रिक्स के साथ-साथ सभी प्रकार की सड़कों और चौराहों के लिए अवधारणा डिजाइन, निविदा चित्र, डीपीआर और मात्रा के बिल, कार्यान्वयन योजना के लिए मानक और टेम्पलेट तैयार करना होगा।
ठेकेदारों के चयन की प्रक्रिया होगी सरल, एसओपी के गठन को मिलेगा बल
यूरीडा के लिए जिस एजेंसी को पीएमयू के तौर पर कार्य करने का मौका मिलेगा उसे परियोजनाओं के निष्पादन के लिए ठेकेदार के चयन के लिए मॉडल दस्तावेज़ तैयार करना होगा, जिससे इस प्रक्रिया के सरलीकरण को बल मिलेगा। इसके अतिरिक्त, शहरी सड़कों की योजना के निष्पादन, निर्माण, प्रबंधन और रखरखाव के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार करेगी। इसके साथ ही, यूरीडा के लिए मानव संसाधन नीति के विकास, यूरीडा के संगठन ढांचे की तैयारी, यूरीडा के लिए खरीद दिशानिर्देशों और संबंधित दस्तावेजों के विकास तथा आवश्यकता पड़ने पर किसी अन्य नीति, दिशानिर्देश और मानकों के विकास का कार्य करना होगा।
करिकुलम तैयार करने में सहायक होगा पीएमय ।
यूरीडा के लिए पीएमयू के तौर पर चयनित एजें सी शहरी सड़कों के डिजाइन, क्रियान्व्यनन व रखरखाव के लिए इंजीनियरों, नीति निर्माताओं और ठेकेदारों के लिए करिकुलम तैयार करेगा। यूरीडा द्वारा शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) से संबंधित अधिकारियों और परियोजना, लागत प्रभावी सड़क से संबंधित अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण भी प्रदान करने में भी पीएमयू के तौर पर कार्यरत एजेंसी मदद करेगी। सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत परियोजनाओं के निष्पादन, संचालन, प्रबंधन और रखरखाव से संबंधित दिशानिर्देश, मानक ड्राइंग टेम्पलेट तथा मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित करने में सहायता प्रदान करने के लिए भी पीएमयू काम करेगा।
*** नैमिष प्रताप सिंह