- सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जी की बर्बर हत्या व उनके परिजनों की सुरक्षा को लेकर राज्यपाल करें हस्तक्षेप
- पत्रकार व समाजसेवी नैमिष प्रताप सिंह ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट कर की सीबीआई जांच की मांग
लखनऊ /जयपुर / दिल्ली : लखनऊ के पत्रकार एवं सामाजिक – राजनीतिक मुद्दों पर सदैव मुखर रहने वाले नैमिष प्रताप सिंह ने राजस्थान के लोकप्रिय सामाजिक नेता व राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की बर्बर हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया जिसके द्वारा उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग किया है। इसके बाद नैमिष प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के जरिए राजस्थान के राज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग किया हैं।
उन्होंने उक्त फेसबुक पोस्ट के द्वारा यह कहा है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की अमानवीय हत्या की सीबीआई जांच हो और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। नैमिष प्रताप सिंह ने यह भी कहा है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की बर्बर हत्या केवल राजस्थान की बेलगाम कानून – व्यवस्था का परिणाम नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की नीतियां भी इसकेे लिए सीधे तौर पर हैं जिम्मेदार है।
नैमिष प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर यह भी लिखा है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जी की हत्या के बाद केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों में जिस तरह से सोशल / रियल वर्ल्ड में भयंकर असंतोष अभिव्यक्त हो रहा है उससे स्थितियां बेलगाम हो सकती है।
भारतीय जनता पार्टी को भारत के तीन बड़े राज्यों में प्रचंड बहुमत का यह परिणाम मिला हैं। अब सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जी के परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनकी हत्या की जांच का पूरा मामला सीबीआई को सौंपने के अलावा कोई दूसरा विकल्प शेष नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय राजस्थान के राज्यपाल के पद पर उत्तर प्रदेश से संबद्ध कलराज मिश्र आसीन है जिससे यह अपेक्षा की जाती है कि वे जन भावनाओं का सम्मान करेंगे।
नैमिष प्रताप सिंह ने कहा है कि राजनीति और समाज में विचारों का विरोध होना चाहिए लेकिन एक लोकतांत्रिक समाज में किसी भी राजनीतिक – सामाजिक व्यक्ति की हत्या के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जी की हत्या एक बर्बर कृत्य है जिसे सहन नहीं किया जायेगा। इससे पहले कि स्थितियां बेलगाम हो , राजस्थान के राज्यपाल, भारत के गृह मंत्री/ प्रधानमंत्री को पूरे मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। यह केवल राजस्थान की बेलगाम कानून – व्यवस्था ही नहीं बल्कि भारत सरकार की दिशाहीनता का भी परिणाम है जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की नीतियां भी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
*** नैमिष बुलेटिन ब्यूरो, लखनऊ