लखनऊ: केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने आज संविधान दिवस के पूर्व दिवस पर वीवीआईपी गेस्ट हाउस , लखनऊ में प्रेस वार्ता आयोजित किया। उन्होंने बताया कि मोहनलालगंज लोकसभा के अंतर्गत आने वाली पांचों विधानसभा मलिहाबाद, सरोजिनी नगर, मोहनलालगंज, बक्शी का तालाब व सिधौली क्षेत्र में वह जगह जगह कार्यक्रम कर बस्तियों, झुग्गियों, कालोनी और शहर – गांव जाकर नागरिकों को उनके मौलिक अधिकार बताएंगे और उनके प्रति जागरूक करेंगे। इसके लिए कुछ जगहों पर नुक्कड़ नाटक कर और कार्यक्रम कर नागरिकों के मौलिक अधिकार और उनके कर्तव्यों की पाठशाला लगाई जायेगी।
मंत्री कौशल किशोर ने यह भी कहा कि मोहनलालगंज लोकसभा में हजारों कार्यकर्ताओं द्वारा जगह – जगह कार्यक्रम कर भारत के संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकार व कर्तव्यों के विषय में पढ़कर सुनाया जायेगा।इसके अलावा भारतीय संविधान में नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकार और कर्तव्य का व्याख्यान किया जाएगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम को भी सभी जगह सुना जायेगा जिसके उपरांत वोटर चेतना महाभियान के तहत वोट देने के अधिकार को दिलाने के लिए कार्यकर्ता बंधुओं द्वारा वोटर लिस्ट में नाम बढ़ाने के लिए भी कार्यक्रम कर कार्य किया जायेगा।
संविधान दिवस पर मोहनलालगंज लोकसभा में नागरिकों के मौलिक अधिकार और उनके कर्तव्यों की लगाई जायेगी पाठशाला
मंत्री कौशल किशोर ने कहा मौलिक अधिकार हमें समानता और सम्मान से जीने का अधिकार देते हैं। मौलिक अधिकार सुनिश्चित करते हैं कि भारत के किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, वंश, भाषा, प्रांत, रंग अथवा लिंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकार की रक्षा स्वयं भारत का सर्वोच्च न्यायालय करता है।आगे कौशल किशोर ने कहा विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत एवं विकसित परिवार व आत्मनिर्भर परिवार बनाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन विकसित भारत के मिशन को पूरा करने के लिए सभी लोगों को अपने अधिकार जानने चाहिए और राष्ट्र के निर्माण के लिए अपने कर्तव्यों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को संविधान सभा में अपनाया गया था और तब से हर वर्ष हम 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाते हैं।
कौशल किशोर ने प्रेस वार्ता में विस्तार से नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें शोषण और अन्याय के खिलाफ बोलना और लड़ना चाहिए। यदि हम इसे स्वीकार करते है तो इससे संविधान का शासन संकट में आएगा।
भारत का संविधान 6 मौलिक अधिकार प्रदान करता है
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
*** नैमिष प्रताप सिंह