# समझी जाए इससे उत्तर प्रदेश शासन की दिशा और दशा
# प्रधानमंत्री कार्यालय / भारत सरकार साइबर अपराधियों – आतंकियों के दो गिरोहों के खिलाफ सक्षम जांच करके कार्रवाई ना करवा पाने से हुई मेरी हानि के लिए मेरी क्षतिपूर्ति करे और मुझसे माफ़ी मांगे
चित्र: साइबर अपराधियों – आतंकियों के दो गिरोहों का लंबे समय तक शिकार रहे पीड़ित नैमिष प्रताप सिंह
यह मोदी सरकार – (01) कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मेरी शिकायती प्रार्थनापत्र को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को अग्रसारित किया गया था। इसके बाद गोमती नगर थाने की हिस्ट्रीशीटर पुलिस ने फोन पर ही एक तथाकथित जांच किया और रिपोर्ट लगा दिया . इन दोनों गिरोहों का अंतराष्ट्रीय नेटवर्क है और इसमें बेहद तीक्ष्ण बुद्धि के साइबर अपराधी है , पहला गिरोह नोएडा ( गौतम बुद्ध नगर ) और दूसरा दिल्ली से संचालित हैं / था।
मैने कुछ ऐसे प्रमाण बताए कि जिससे प्रथम दृष्टया दोनों गिरोहों के अपराध के खतरनाक स्तर का पता चलता हैं लेकिन प्रधानमंत्री से पहले और बाद में राज्य और देश की तमाम अथारिटी को मैंने पत्र लिखा और बार – बार कहा कि यह बहुत हाईटेक मामला है , बहुत संजीदगी से मुझे सुनिए लेकिन मेरी कभी भी कोई बात नहीं सुनी गई। गोमती नगर , इंदिरा नगर , गाजीपुर , विभूति खंड थाने की पुलिस , हजरतगंज कोतवाली मेँ स्थित साइबर सेल , सीओं गोमती के स्टेनो , सीओं गाजीपुर ने स्वयं और एसीपी विभूति खण्ड के स्टेनों द्वारा मुझसे पूछताक्ष की गई. इसमें कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसे साइबर क्राइम की सामान्य समझ भी थी.
मैने बार – बार कहा कि ना तो आपको साइबर क्राइम की कोई समझ हैं और ना कोई सिस्टम इसलिए मेरी सहायता लेकर आप एक रिपोर्ट तैयार करिये और उसे अपने से ऊंची अथारिटी को भेजिए , इस तरह से वह क्रमिक रुप से पुलिस महानिदेशक तक पहुँच जाय. इसके अलावा एक कापी मुझे दे दीजिये ताकि मै प्रमुख सचिव ( गृह ) से मिलकर इसकी उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच करवाने का रास्ता निकाल संकू लेकिन किसी को कोई बात समझ मेँ नहीं आई. इस तरह से प्रधानमन्त्री कार्यालय के निर्देश के बावजूद लखनऊ/ उत्तर प्रदेश पुलिस साइबर अपराधियों – आतंकियों के दो गिरोहों के खिलाफ सक्षम जांच करने में विफल रही।
*** पीड़ित नैमिष प्रताप सिंह ने साइबर अपराधियों – आतंकियों के दो गिरोहों के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के बावजूद सक्षम जांच न होने पर फेसबुक पोस्ट के जरिए पूर्व में अपनी पीड़ा को व्यक्त किया था जिसे मामूली बदलाव के बाद ख़बर के रूप में प्रस्तुत किया गया है।