- राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर आयोजित हुए विधिक जागरूकता कार्यक्रम संगोष्ठी व रैली
भदोही : राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर जनपद न्यायाधीश के मार्गदर्शन व पर्यवेक्षक में विविध विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।इस मौके पर वीएनजीआईसी में माननीय जनपद न्यायाधीश साकेत बिहारी ” दीपक” द्वारा रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया l यह रैली वीएनजीआईसी इंटर कॉलेज से लेकर शीतल पाल तिराहा तक निकाली गई l उन्होंने इस रैली के माध्यम से जनपद के सभी नागरिकों को उचित, निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु जागरूक किया l इस रैली में जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा के बच्चे व माध्यमिक शिक्षा के बच्चे रैली में शामिल रहे l
जनपद में विधिक सेवा के तहत प्राधिकरण अधिनियम और वादकारियों के अधिकार को विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराने के लिए मनाया गया l इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए नि: शुल्क, प्रवीण और कानूनी सेवाओं की पेशकश करना है। यह कमजोर वर्गों के लोगों को मुफ्त सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने का प्रयास करता हैं।
जनपद न्यायाधीश ने बताया कि विधिक सेवा जागरूकता रैली के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना, अपराध पीड़ितों को उनका मुआवजा मिले,सुलह, मध्यस्थता और न्यायिक निपटान जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) की पेशकश,लोक अदालतों का आयोजन कराना विधिक सेवा का कार्य है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबिहा खातून ने बताया कि यह समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा और प्रावधानों का वादा करता हैl इससे विवादों के निपटारे में मदद मिलती है l जिस दिन यह अधिनियम पारित किया गया था उस दिन नागरिकों के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए कानूनी सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है l
प्रभारी सचिव विधिक सेवा आरिफ अहमद ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) एक स्वायत्त संगठन है,जो समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है l NALSA की स्थापना 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई थी l यह कमजोर वर्गों के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करता है l राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत समाज के कमज़ोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य से किया जाता है ।
*** नैमिष प्रताप सिंह