अभियोजन कार्याे एवं कानून व्यवस्था की बैठक कलेक्ट्रेट में हुई सम्पन्न

  • पाक्सों, महिला अपराध, डीजीसी संवर्ग, आयुध एक्ट में सशक्त पैरवी कर दिलायी गयी सजा-एडीएम

भदोही : जिलाधिकारी गौरांग राठी एवं पुलिस अधीक्षक डॉ0 मीनाक्षी कात्यायन के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 कंुवर वीरेन्द्र मौर्य एवं अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में अभियोजन कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
संयुक्त निदेशक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि सभी धाराओं में 44 मुकदमों में कुल सजा हुए वादों की संख्या में 12 व 22 अभियुक्तों की संख्या, 04 मुकदमें गुणदोष के आधार पर किये गये। इसी तरह डीजीसी संवर्ग द्वारा हुए कुल 36 सजा वादों की संख्या में 21 में सजा हुई। 02 गुण दोष के आधार पर और 13 पक्षद्रोही होने के कारण कुल रिहा हुए वादों की संख्या 15 है। पाक्सों के 6 वादों के निर्णय का 03 में सजा व 03 में रिहा हुए। आयुध अधिनियम के अन्तर्गत एक मामले में सजा सुनाई गयी। महिलाओं के विरूद्ध लैगिंक/बलात्कार/गम्भीर अपराधों से सम्बन्धित कुल 12 मामलों में एक वाद में आजीवन कारावास एवं दो मामलों में 10 वर्ष से अधिक की सजा सुनाई गयी। अभियोजन अधिकारीवार अभियोजित वादों पर विचार विमर्श किया गया।
अपर जिलाधिकारी ने अभियोजन कार्यों की समीक्षा करते हुए अभियोजक गणों को निर्देश दिए कि आवश्यक वस्तु अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट एवं गबन के मामलों में अधिक से अधिक रूचि लेकर सजा दिलाए।


अपर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि गैंगस्टर अधिनियम के मुकदमों में तथा एनडीपीएस के मुकदमा के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा की शासन के मंशानुरूप महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध अपराधों से संबंधित वादो में शीघ्रता लाते हुए, गवाहों को बुलाकर न्यायालय में वादों को तय कराकर अभियुक्तों को अधिकतम सजा दिलाई जाए।
अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने महिला अपराधों एवं जनपद के चिन्हित माफियाओं के प्रकरण में पैरवी कर कठोर से कठोर सजा दिलाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अभियोजकों को निर्देश दिए कि कार्यों में प्रगति लाए और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
बैठक में अभियोजन अधिकारी सहित अन्य अभियोजक गण एवं शासकीय अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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